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Singham Title Song Shloka Meaning & Lyrics in English & Hindi

सिंघम् फिल्म के टाइटल सॉंग में श्लोक का अर्थ और बोल



मित्रों सिंघम् फिल्म तो आप सबने देखी ही होगी । इस फिल्म पर बहुत कुछ पढ़ा भी होगा । जब भी कोई फिल्म नई-नई आती है तो इन्टरनेट पर उसकी जानकारी का उफान आ ही जाता है । अब सिंघम फिल्म तो खैर 5 साल से भी पुरानी हो चुकी ....... उफान-तूफान सब थम चुके....... लेकिन ऐसे में अब हम सिंघम के एक ऐसे हिस्से की चर्चा कर रहे हैं जो उस उफान में भी नदारद रहा........... जबकि था वो खास हिस्सा ही । आपने सिंघम का शीर्षक गीत सुना होगा- ना अगन उठे ना मगन उठे बस कहर उठे जब आवे .......... यानी वही गीत- नरसिंह है ये सिंघम् ।........ इस गीत का प्रारम्भ एक ओजस्वी श्लोक के साथ होता है जिसका सैट बड़ा ही वीर रस से ओतप्रोत है.......... जिसको पर्याप्त समय भी दिया गया है और जिसके जरिये इस गाने की भावात्मक पृष्ठभूमि बन जाती है ।............. क्या आप उस श्लोक का मतलब जानते हैं ? यहाँ हम उसी विषय में बताएँगे । दरअसल इस श्लोक के जरिये गीत की पृष्ठभूमि सज्जित की जा रही है

लेकिन यदि आपको अर्थ न पता हो तो आपके लिए ये पृष्ठभूमि केवल संगीतात्मक पृष्ठभूमि रही । इन्टरनेट पर इसका अर्थ इक्का दुक्का ही जगहों पर है । याहू आन्सर्स पर है जो कि गलत है । दूसरा कुछेक साइट्स पर है जो कि उसी की नकल है (उनमें पहला कौनसा है ये महत्त्व का विषय नहीं है) । इंगहिन्दी यहाँ आपके लिए इस पर कुछ शोधपरक खोज करके प्रस्तुत कर रही है –

मुखरवोऽस्य मृगेन्द्रसुगर्जनः । सबलमत्तगजेन्द्रविमर्दनः । विपिनराट्सदृशो बलवानयम् । समनुजो हि नृसिंहवरस्तथा ।

अर्थ- मुखरवोऽस्य = इसके मुख का स्वर............मृगेन्द्रसुगर्जनः = मृगराज (सिंह) के गर्जन के समान है । सबलमत्तगजेन्द्र = बलशाली मस्त हाथियों के राजा का वह ......... विमर्दनः = मर्दन करने वाला (हराने वाला) है । विपिनराट्सदृशो = वनराज के समान बलवानयम् = यह बलवान् है । समनुजो हि नृसिंहवरस्तथा = इसके दो अर्थ हो सकते हैं –

1. मनुष्यों के बीच जिस प्रकार नृसिंह भगवान् हैं । 2. इस प्रकार यह नृसिंह भगवान् के समान ही आज (के युग में) जन्म लिया है ।

कुल मिलाकर श्लोक का अर्थ है –

इसके मुख का स्वर मृगराज (सिंह) के गर्जन के समान है । बलशाली मस्त हाथियों के राजा का भी यह मर्दन कर देने वाला है । वनराज के समान यह बलवान् है । ठीक वैसे ही जैसे मनुष्यों के बीच नृसिंह भगवान् विराट् बलशाली हैं । (या इस प्रकार यह नृसिंह भगवान् के समान ही आज (के युग में) जन्म लिया है ।)
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